आंसू यादों के / Tears of Memories

मिर्ज़ा गालिब ने फरमाया था: “समंदर कर दिया नाम उसकानाहक सबने कह कह करहुए थे जमा कुछ आंसू,मेरी आँखों से … More

एक कठिन कार्य / A Difficult Task

काश वह मेरी होती या मैं उसकाजब भी मैं उसे देखतायही खयाल आतापर कह नहीं पातादिल धड़कता था मासूमियत सेपर … More

लौट के परफेक्ट घर को आए / Mr Perfect Returns To Imperfection

कोई भी काम वह पक्का और परफेक्ट चाहता था ।गलती कोई उसकी न पकड़ ले यही वह सोचता था ।। … More